क्रमोन्नति फार्म-शिक्षाकर्मी नेता ने एक बार फिर क्रमोन्नति को अपनी राजनीति चमकाने और पेट भरने का नया हथियार बनाया है

छत्तीसगढ़

  1. 🔥🔥🔥 *शिक्षाकर्मी साथी करें आत्ममंथन*🔥🔥
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🔥🔥🔥🔥🔥 *प्रदेश के 1 बड़े शिक्षाकर्मी नेता ने एक बार फिर क्रमोन्नति को अपनी राजनीति चमकाने और पेट भरने का नया हथियार बनाया है एक बार फिर इसलिए क्योंकि पिछली बार भी इसी क्रमोन्नति के नाम पर प्रदेश के शिक्षा कर्मियों से सौ-सौ रूपये की चंदा उगाही की गई थी और अगर प्रदेश के 1 लाख अस्सी हज़ार शिक्षाकर्मियों में से केवल 80 हजार शिक्षाकर्मियों ने भी पैसा जमा किया था तो 80 लाख रुपए जमा हुए थे जो कहां गया, किसी को पता नहीं है ?*

🐆🐆🐆 *हरे पेन की खुशी मनाने वाले यह वही शिक्षाकर्मी नेता है जिन्हें वेतन विसंगति की मार झेल रहे अपने छोटे भाई कभी नजर नहीं आते और न ही संविलियन से वंचित शिक्षाकर्मियों के लिए यह कभी कोई अभियान चलाते हुए नजर आते हैं । यहां तक की सूरजपुर जिले से ( शिक्षाकर्मी नेता नाम डैश-डैश)

बिलासपुर के तखतपुर ब्लॉक से ( शिक्षाकर्मी नेता नाम डैश-डैश) और महासमुंद से ( शिक्षाकर्मी नेता नाम डैश-डैश)और ( शिक्षाकर्मी नेता नाम डैश-डैश)जैसे दिग्गज और उनके साथ उनके ब्लॉक और जिला के अधिकांश साथी संगठन छोड़ चुके हैं ….. वजह एकमात्र – इस नेता की एकला चलो की रणनीति, जिसके तहत ऊपर से अपने लाभ को देखते हुए कार्यक्रम बनाकर नीचे थोपना…… जिन्हें इनके लोग मन मारकर पूरा करते हैं और जो नहीं करता है उसे संगठन से किनारे लगाने की तैयारी शुरू कर दी जाती है*

💥💥💥 *यक्ष प्रश्न यह है की ऐसा ही अभियान संविलियन और वेतन विसंगति जैसे बड़े मुद्दों के लिए कभी क्यों नहीं चलाया गया । घोषणा पत्र में संविलियन जैसा मुद्दा शामिल होने के बावजूद इस पर सरकार निर्णय नहीं ले सकी लेकिन इस मुद्दे को लेकर इस नेता ने कभी कोई अभियान नही चलाया क्योंकि न तो यह वेतन विसंगति से पीड़ित है और न संविलियन से वंचित है…. इनको तो अब केवल प्राचार्य पद और अपनी जेब भरने की चिंता है जिस की मुहिम में यह लग गए हैं* ।

🔥🔥🔥🔥🔥 *प्रदेश में शिक्षाकर्मियों को सबसे अधिक बुद्धिजीवी वर्ग माना जाता है और यदि हम अपने ही हित अहित की पहचान नहीं कर पाते हैं तो इससे अधिक शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता इसलिए सभी साथियों से निवेदन है कि ऊपर उठाए गए प्रश्नों पर एक बार जरूर विचार करें और सोचें की विगत 6 महीनों में इन मुद्दों के लिए क्या प्रयास किया गया है और क्यों ऐसे ही मुद्दे को चुना जाता है जिसमें स्वयं नेताजी को लाभ होने वाला होता है । साथ ही नेता जी को खुली चुनौती है कि यदि वह ईमानदार है तो श्वेत पत्र जारी करें और बताएं पिछले बार क्रमोन्नति का फॉर्म कितने शिक्षाकर्मियों ने भरा था और जमा हुई राशि कहां गई ?*

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