मुठभेड़ के बाद बड़ा खुलासा,माओवादियों के पास से मिला पाकिस्तान आर्मी का हथियार

मुठभेड़ के बाद बड़ा खुलासा,माओवादियों के पास से मिला पाकिस्तान आर्मी का हथियार

रायपुर:-कांकेर में हुई मुठभेड़ के बाद माओवादियों से बरामद सामान ने सबको चौंका कर रख दिया है। माओवादियों से जो हथियार बरामद किया गया है वह हथियार पाकिस्तान आर्मी इस्तेमाल करती है। डीआरजी टीम को पहली बार ऐसी सफलता हाथ लगी जिसमें एक ओर ईनामी माओवादी भी ढेर हुए तो दूसरी ओर ईनामी असलहे भी बरामद हुए।

 

शुभकामना देने आए पुलिस के मुखिया:-आपरेशन में दूसरी बार अमेरिकन मेड जी थ्री रायफल बरामद हुई जिसे पाक आर्मी इस्तेमाल करती है। इस आपरेशन की एक और खासियत थी कि सफलता के बाद शुभकामना देने पुलिस के मुखिया आए। अपने बीच डीजीपी को पाकर डीआरजी टीम के प्रत्येक सदस्य का सीना 56 इंच का हो गया। डीजी ने यह भी कहा कि आपरेशन की न्यायिक जांच की एक प्रक्रिया है उसके पूरा होते ही सभी के आउट आफ टर्न प्रमोशन दिया जाएगा।
डीजी ने कहा कि हम माओवाद उन्मूलन की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं ओर जल्द ही छत्तीसगढ़ से माओवादियों का सफाय हो जाएगा। आपरेशन पर चर्चा करते हुए डीजी ने कहा कि निश्चित ही आपरेशन में चार माओवादी मारे गए होंगे या दो घायल हुए होंगे जिन्हेंं माओवादी अपने साथ लेते गए।

पुलिसिंग की तारीफ भी की:-कहा कि कांकेर पुलिस की यह बड़ी सफलता है। डीजीपी ने पुलिस अधीक्षक कांकेर की कार्यशैली व पुलिसिंग की तारीफ भी की। डीजीपी ने सभी जवानों को शुभकामना दी। डीजीपी के आगमन के दौरान उनके साथ एडीजी सीआरपीएफ कुलदीप सिंह, ज्वाईट डायरेक्टर जयदीप सिंह, आईजी सीआरपीएफ जीएचपी राजू, आईजी बीएसएफ जेबी सांगवान, डीआईजी (एसआईबी/एएनओ) सुंदरराज पी., डीआईजी एसटीएफ रजनीश शर्मा, पुलिस अधीक्षक कांकेर केएल धु्रव अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
नए नाम से चलेगा मानसून आपरेशन : डीजीपी ने कहा कि मानसून में प्रभावी ढंग़ से ऑपरेशन चलाया जाएगा तथा ऑपरेशन का नामकरण भी किया जाएगा। कहा मानसून वन टू थ्री तो चल चुके हैं।

सुकमा के बाद दूसरी बार मिला विदेशी असलहा:-अंतागढ़ के छोटे मुरनार में पुलिस द्वारा बरामद किए गए असलहों में एक जी थ्री रायफल अमेरिका निर्मित है। यह पुलिस को दूसरी बार हाथ लगी है। पहली रायफल सुकमा के एक आपरेशन में मिली थी। जी थ्री रायफल का इस्तेमाल पाकिस्तान आर्मी करती है और बांग्लादेश के साथ युद्ध में पाक सेना ने इस्तेमाल किया था। डीजी की माने तो यह बेहतर मारक असलहा है। माओवादियों के पास यह असलहा आया कैसे के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि यह कह पाना संभव नहीं है पर यह सत्य है कि माओवादियों के पास यह असलहा है।

माओवादियों से मिली यह सामग्री हुई बरामद:-आपरेशन में पुलिस को एक एसएलआर रायफल, एक जी-03 रायफल, एक 303 रायफल, एक 12 बोर रायफल, दो एसएलआर मैग्जीन, 21 एसएलआर के जिंदा राउण्ड, दो रेडियो, दो जर्मन ढक्कन, दो जर्मन गंजी, तीन स्टील प्लेट, दो मोबाइल चार्जर, दो पौच, तीन छाता, चार त्रिपाल, दो जरकीन छोटा, दवाईयां व भारी मात्रा में माओवादी साहित्य बरामद हुए।

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