दम्पति हत्याकांड का ख़ुलासा सजायाफ्ता हत्याभियुक्त आला कत्ल के साथ गिरफ्तार

दम्पति हत्याकांड का ख़ुलासा सजायाफ्ता हत्याभियुक्त आला कत्ल के साथ गिरफ्तार

 

दम्पत्ति हत्या कांड का खुलासा

सजायाफ्ता अपराधी हत्याभियुक्त गिरफ्तार
हत्याकांड में प्रयुक्त हंसिया व रस्सी बरामद
बहराइच। 30 मई थाना रुपईडीहा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम रामनगर में दिनांक 25/6.05.2019 की रात्रि में हुए दम्पत्ति हत्या कांड का खुलासा पुलिस अधीक्षक डा0 गौरव ग्रोवर के द्वारा हत्याकांड के खुलासे के दिये गयें आदेश के अनुपाल में अपर पुलिस अधीक्षक रबीन्द्र सिंह व क्षेत्राधिकारी नानपारा अरुण चन्द्र के नेतृत्व में घटना के अनावरण में प्रभारी निरीक्षक व निरीक्षक अपराध हर्ष वर्धन सिंह उपनिरीक्षक सोमपाल गंगवार मुख्य आरक्षी महेश चंद्र आरक्षी रंजयलाल साहनी आदि द्वारा किया गया। विवेचना थाना रुपईडीहा पर पंजीकृत मु0अ0सं0 0203 /19 धारा 302 भादवि0 बनाम अज्ञात का अनावारण करते हुए प्रकाश में आये हत्या अभियुक्त जगन्नाथ गिरि पुत्र स्वर्गीय अनुराग गिरि निवासी बस्तीगांव थाना रुपईडीहा जनपद बहराइच को आज रेलवे स्टेशन बहराइच मालगोदाम रोड से गिरफ्तार कर अभियुक्त उपरोक्त को न्यायिक अभिरक्षा में माननीय न्यायालय सदर बहराइच रवाना किया गया ।

हत्या कांड के खुलासे का संक्षिप्त विवरण

अभियुक्त xxxx गिरि पुत्र स्व0 अनुराग गिरि निवासी बस्तीगांव थाना रुपईडीहा जनपद बहराइच मृतक मोहन गिरि व मृतका चन्द्रावती का सगा भतीजा है जो कि एक शातिर किस्म का सजायाफ्ता अपराधी है जगन्नाथ स्मैक पीने का आदी है अपने पिता के मृत्यु के उपरान्त पिता के नाम की 25 बीधे सम्पत्ति औने पौने दाम में बेच कर खा पी गया । वर्ष 2005 में अपने ही ग्राम सभा के श्री मेडईलाल पुत्र बहोरे चमार निवासी बस्तीगांव दा0 बसन्तपुर ऊदल थाना रुपईडीहा जनपद बहराइच के लडके राजेश की मृत्यु कारित कर दिया था जिसके सम्बन्ध में थाना स्थनीनय पर पर मु0अ0सं0 165/2005 धारा 304 भादवि0 व 3(2) V SC/ST Act पंजीकृत हुआ था तथा दिनांक 22.05.2010 को जिसमें अभियुक्त जगन्नाथ उपरोक्त को स्पेशल जज एस0सी0/एस0टी0 एक्ट द्वारा 07 वर्ष का कारावास व 25000 रुपया जुर्माना किया गया था जेल से रिहा होने के उपरान्त इसकी नजर अपने चाचा – चाची की 25 बीघे जमीन पर थी क्योकि चाचा चाची के एक औलाद थी जो मन्द बुद्धि का था आज से 15-20 वर्ष पूर्व से लापता है जिसका कोई अतापता नही है । जेल जाने से पहले सम्पत्ति के लिए अपने चाचा – चाची को अक्सर मारता पीटता रहता था जब जगन्नाथ जेल चला गया तो चाचा ने अपनी पूरी सम्पत्ति अपनी पत्नी के नाम वसीयत कर दिया । इसके अतिरिक्त वर्ष 31.01.2019 को अपनी सम्पत्ति में 08 बीघे जमीन अपनी पत्नी चन्द्रावती के नाम रजिस्ट्री बैनामा कर दिया तथा शेष सम्पत्ति की रजिस्ट्री करने हेतु पैसो का इन्तजाम कर रहे थे जब इस बात की जानकारी अभियुक्त को हुई तब अभियुक्त ने सोचा की चाचा की पूरी सम्पत्ति चाची के परिवार के हाथ चली जायेगी यह सोचकर अभियुक्त ने निर्णय लिया कि अब दोनो का जिन्दा रहना मेरे हित में ठीक नही है । इसी आक्रोश में आकर घर में घुस अपनी चाची चन्द्रावती का गला काट कर एंव चाचा मोहन गिरि का गला रस्सी से कस कर दिनांक 25/26.05.2019 की रात में हत्या कर दी थी।

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