गुरु घासीदास का जीवन दर्शन और विचार आज भी आज सर्व मान्य है विधायक छन्नी साहू

गुरु घासीदास का जीवन दर्शन और विचार आज भी आज सर्व मान्य है विधायक छन्नी साहू

 

राजनांदगांव। खुज्जी

विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों में सतनाम धर्म के प्रणेता संत बाबा गुरु घासीदास की 266वीं जयंती के आयोजनों में खुज्जी विधायक श्रीमती छन्नी चंदू साहू शामिल हुई। सामाजिकजनों के बीच विधायक श्रीमती साहू ने उनके उपदेशों और शिक्षा को याद किया। उन्होंने कहा, मानवीय गुणों के विकास का रास्ता दिखाया और नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना की। खुज्जी विधानसभा क्षेत्र के

ग्राम कापा, जरहा महका और रामपुर में आयोजित इन कार्यक्रमों में सामाजिक जनों ने मुख्य अतिथि के रुप में विधायक श्रीमती छन्नी साहू का स्वागत किया। इन आयोजनों में जैतखाम में ध्वज फहराकर व पूजा अर्चना कर

कार्यक्रम की शुरुआत की गई। समाज के बीच अतिथि के रुप में मौजूद विधायक श्रीमती साहू ने यहां अपने संबोधन में कहा कि, छत्तीसगढ़ की पावन धरा पर 18 दिसंबर 1756 को गुरु घासीदास जी का रायपुर जिले के गिरौद में अवतरण हुआ। उन्होंने मानवीयता की जो अलख जगाई उसने समाज

पर गहरा प्रभाव डाला है।

श्रीमती साहू ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास ने सम्पूर्ण मानव जाति को मनखे मनखे एक समान का प्रेरक संदेश दिया। यानि सभी मनुष्य एक समान हैं। गुरु घासीदास ने अपने उपदेशों के माध्यम से दुनिया को सत्य, अहिंसा और सामाजिक सद्भावना का मार्ग दिखाया। उनका जीवन दर्शन और विचार मूल्य आज भी प्रासंगिक और समस्त मानव जाति के लिए अनुकरणीय हैं। इस संप्रदाय के लोग उन्हें अवतारी पुरुष के रूप में मानते हैं। गुरु घासीदास के मुख्य रचनाओं में उनके सात वचन सतनाम पंथ के सप्त सिद्धांत के रूप में प्रतिष्ठित हैं। इसलिए सतनाम पंथ का संस्थापक भी गुरु घासीदास को ही माना जाता है।

 

 

 

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