किस हवाई जहाज के अपहरण का आया फोन

किस हवाई जहाज के अपहरण  का आया फोन

नई दिल्ली। पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण रिश्तों के बीच सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया को विमान अपहरण की धमकी मिली है। ये धमकी शनिवार को उसके मुंबई स्थित कंट्रोल सेंटर को फोन पर दी गई। इसके बाद ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसफ) तथा सभी एयरलाइनों को हवाई अड्डों तथा विमानों के भीतर सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

 

बीसीएएस की ओर से 23 फरवरी को जारी की गई एडवाइजरी के मुताबिक, ‘मुंबई में एयर इंडिया के एयरपोर्ट ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (एओसीसी) को टेलीफोन से एक धमकी भरा संदेश मिला। इसमें 23 फरवरी के दिन इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण कर पाकिस्तान ले जाने की धमकी दी गई है।’

 

बीसीएएस के नोट में आगे कहा गया है कि इसके मद्देनजर एयरपोर्ट सिक्योरिटी यूनिट (एपीएसयू) तथा एविएशन सिक्योरिटी ग्रुप (एएसजी) तथा सभी एयरक्राफ्ट ऑपरेटर (एयरलाइन) तत्काल प्रभाव से निर्देशित आठ उपायों को लागू करेंगे।’ एपीएसयू तथा एएसजी वास्तव में सीआइएसएफ का ही हिस्सा हैं। इसी तरह इंडियन एयरलाइंस एयर इंडिया का भाग है।

 

बीसीएएस के नोट में जिन आठ कदमों की बात कही गई है वे इस प्रकार हैं :- -एयरपोर्ट टर्मिनल इमारत, एयरसाइड, सभी ऑपरेशन एरिया एवं अन्य विमानन सुविधाओं में प्रवेश करने वालों की सख्त निगरानी और पड़ताल। -कार पार्किंग एरिया में प्रवेश करने वाले समस्त वाहनों की सघन तलाशी एवं जांच, ताकि किसी संभावित बम हमले को वक्त रहते रोका जा सके। -यात्रियों, कर्मचारियों तथा आगंतुकों की ज्यादा सघन जांच एवं तलाशी। इसमें प्रवेश द्वार पर किसी भी व्यक्ति की औचक जांच व तलाशी शामिल है। -होल्ड बैगेज, कारगो, कारगो टर्मिनल, खाना, डाक आदि सामग्रियों की ज्यादा कड़ी जांच व निगरानी।

 

-टर्मिनल बिल्डिंग के भीतर व आसपास सीसीटीवी कैमरों के अलावा मैन्युअल निगरानी के स्तर में इजाफा। -त्वरित कार्रवाई बल (क्विक रिएक्शन टीम) तथा एयरपोर्ट परिसर के चारों तरफ पेट्रोलिंग करने वाली टीम और ज्यादा सतर्कता के साथ पेट्रोलिंग करेगी। -हवाई परिवहन योग्य सामान (कारगो) तथा वाहनों के आने-जाने में इस्तेमाल होने वाले प्रवेश व निकास द्वारों पर ज्यादा सशस्त्र बलों के साथ सख्त जांच-पड़ताल। -स्थानीय सूचना के आधार पर सुरक्षा के अन्य अतिरिक्त कदम।

 

गौरतलब है कि 24 दिसंबर, 1999 को आतंकियों ने जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर समेत तीन आतंकियों को छुड़ाने के लिए काठमांडू से दिल्ली आ रहे एयर इंडिया के विमान (फ्लाइट-884) का अपहरण कर उसे अमृतसर, लाहौर, दुबई होते हुए अंततः कांधार ले गए थे। कांड से सबक लेते हुए सरकार ने इस प्रकार की स्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने तथा विमान अपहरण की स्थिति में आतंकियों के आगे न झुकने के लिए 2014 में विमान अपहरण रोधी (एंटी-हाईजैकिंग) विधेयक पारित किया था।

 

इस कानून में विमान अपहरणकर्ताओं को आजीवन कारावास से लेकर मृत्युदंड तक का प्रावधान है। यदि अपहरणकांड में बंधक बनाए गए किसी यात्री, कर्मी या सुुरक्षा कर्मी की मृत्यु नहीं होती तो अपहरणकर्ताओं को अजीवन कारावास मिलेगा। लेकिन यदि कोई निर्दोष मारा जाता है तो अपहरणकर्ता मृत्युदंड के पात्र होंगे।

 

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