सिपाही की सरकारी हथियार से हुई मौत का रहस्य बरकरार कोतवाल पर गिरी निलंबन की गाज प्रयागराज के आई जी की भृकुटि हुई टेढ़ी जांच में सुस्ती पर सीओ को भी अल्टीमेटम

*🔴—-*
*- जनता नीचे लिंक में जाकर समस्या को सीधे खबर बनाये*

*- P-P-P NEWS के साथ पत्रकारिता करे। AMAZON और E-बिजनेस SALE में कैरियर बनाये। फ्री प्रेस के लिए प्रोडक्ट खरीदे*
https://amzn.to/3jChb8X

*🔴PPP NEWS के साथ राष्ट्रीय के साथ राष्ट्रीय स्तर पर रिपोर्टिंग और न्यूज ब्रेक और MONOTISATION से EARN करे।*
*-WA/कॉल-9200003100*
*🔴—-*

सिपाही की सरकारी हथियार से हुई मौत का रहस्य बरकरार कोतवाल पर गिरी निलंबन की गाज प्रयागराज के आई जी की भृकुटि हुई टेढ़ी जांच में सुस्ती पर सीओ को भी अल्टीमेटम

 

 

सिपाही की सरकारी हथियार से हुई मौत का रहस्य बरकरार, कोतवाल पर गिरी निलंबन की गाज
प्रयागराज के आईजी की भृकुटी हुई टेढ़ी, जांच मे सुस्ती पर सीओ को भी अल्टीमेटम !
सुभाष तिवारी पी पी पी न्यूज़
लालगंज, प्रतापगढ़। कोतवाली की बैरिक मे संदेहास्पद परिस्थितियो मे एके 47 की गोली से सिपाही की मौत को लेकर कोतवाल पर आखिरकार निलंबन की गाज गिर ही गई। घटना के पंाच दिनो तक बीत जाने के बावजूद जांच कार्रवाई मे अभी तक कोई ठोस नतीजा न आ पाने पर अफसरो की भृकुटी भी अब टेढ़ी हुई बतायी जाती है। सूत्रों के मुताबिक प्रयागराज के आईजी कवीन्द्र प्रताप सिंह की नाराजगी का जहां कोतवाल राकेश भारती कोपभाजन का शिकार हुए है। वहीं जांच अधिकारी लालगंज के सीओ जगमोहन को भी अफसरो ने ढ़िलाई बरते जाने के प्रति अल्टीमेटम भी दे रखा है। बीती पचीस सितंबर को कोतवाली मे तैनात गाजीपुर जिले के सिपाही आशुतोष यादव की एके 47 गोली लगने से बैरिक मे मौत हो गयी। उसी दिन से यह सवाल उठने लगा था कि आखिर जब दिन मे ग्यारह बजे के बाद से मृतक सिपाही जो निलंबित कोतवाल का हमराह था। यदि गायब हुआ तो घंटो जिम्मेदार कोतवाल ने उसकी तलाश क्यों नही कराई। सवाल यह भी उठा है कि एके 47 जैसे पुलिस हथियार के साथ सिपाही का गायब होना कोतवाली महकमे ने इतने हल्के मे क्यों ले रखा था। दबीजुबान से कोतवाली की दहलीज मे मंगलवार को यह भी कानाफूसी सुनी गई कि मृतक सिपाही की मौत की जानकारी के बाद ही पुलिस जीडी मे किसी तरह उसके लापता होने का तस्किरा डाला गया। प्रयागराज के आईजी कवीन्द्र प्रताप सिंह पुलिस की इस लापरवाही से काफी खफा बताए जाते है। मंगलवार को निलंबन आदेश मिलने के बाद राकेश भारती पुलिस लाइन के लिए रवाना हुए। वहीं नये कोतवाल संजय यादव ने घटना की गंभीरता को देखते हुए दोपहर मे ही यहां अपना कामकाज संभाल लिया। कोतवाल के निलंबन को लेकर एसपी अनुराग आर्य ने भी मीडिया से इसका कारण मृतक सिपाही का छः घंटे तक हमराह डयूटी मे होने के बावजूद गायब होना तथा उसकी मनोदशा को न समझ पाने के लिए राकेश भारती की लापरवाही सामने आयी है। इधर सिपाही की मौत का केस अब धीरे धीरे कई दिशाओ की ओर तूल पकडने लगा है। मंगलवार को अधिवक्ताओ के संगठन ने भी इस मामले की एसआईटी जांच की मांग उठाकर पुलिस महकमे की बेचैनी बढ़ा भी दी है। वहीं मृतक सिपाही के परिजन भी उसकी मौत अब पूरी तरह से आत्महत्या से इंकार कर रहे है। सीओ जगमोहन यादव का कहना है अभी मृतक सिपाही का कॉल डिटेल नही मिल सका है, सीओ के मुताबिक कॉल डिटेल के तहत नंबरो की पहचान तथा मृतक के ज्यादातर संपर्क मे रहने वाले नंबरो की खोजबीन के बाद ही इस बिंदु पर जांच की दिशा आगे बढ़ सकेगी। वहीं अभी मृतक सिपाही आशुतोष यादव का बैरिक मे सामान भी सील है। ऐसे मे यह भी चर्चा है कि क्या सिपाही ने यदि आत्महत्या की है तो मृत्यु से पूर्व उसने छुटटी के प्रार्थना पत्र के अलावा घर परिवार के नाम कोई पत्र भी तो नही छोडा है और यदि आत्महत्या नही है तो सिपाही की मौत का कारण आखिर और क्या हो सकता है। इस रहस्य से भी पर्दा उठाया जाना पुलिसिया जांच के लिए कडी मिलाना गंभीर चुनौती बनकर सामने है।

Loading...