पार्ट 2 जानिए कहां के हैं शहीद जवान और उनके परिवार के बारे में

11- अमित कुमार

शामली के मोहल्ला रेपार निवासी अमित कुमार भी पुलवामा हमले में शहीद हुए हैं। अमित दो साल पहीले सीआरपीएफ में नियुक्त हुए थे। अमित अपने छह भाई-बहनों में सबसे छोटा भाई था। अमित के पापा स्थानीय व्यापारी के पास मुनीम का कार्य करते हैं। शहीद अमित के बड़े भाई का कहना है कि, हम लोगों को शुक्रवार सुबह करीब 7:30 बजे फोन करके सूचना दी गई। घटना के बाद से पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ है

 

12- विजय मौर्या

देवरिया के भटनी थाना इलाके के छपिया जयदेव निवासी विजय मौर्या सीआरपीएफ के 92 बटालियन में तैनात थे। गुरुवार देर रात जब शहादत की खबर आई तो पूरे गांव में मातम छा गया।

 

13- पंकज त्रिपाठी

महाराजगंज के रहने वाले जवान पंकज त्रिपाठी भी पुलवामा हमले में शहीद हुए हैं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पंकज परिवार में सबसे बड़े बेटे थे। पिता ओम प्रकाश ने बताया कि पंकज की शादी छह साल पहले हुई थी। उसके चार साल का बेटा है। वह बाबा के देहांत पर आया था और चार दिन पहले ड्यूटी पर गया था।

 

14- अवधेश यादव

चंदौली के मुगलसराय इलाके के बहादुरपुर गांव निवासी अवधेश यादव 2006 में सीआरपीएफ में नियुक्त हुए थे। वर्तमान में उनकी तैनाती 45वीं बटालियन में थी। चार भाई-बहनों में सबसे बड़े अवधेश पुलवामा हमले में शहीद हो गए। उनकी तीन साल पहले शादी हुई थी। दो साल का बच्चा है। उनकी मां कैंसर से पीड़ित हैं।

 

15- राम वकील

मैनपुरी के बरनाहल स्थित गांव विनायकपुर के सैनिक राम वकील 10 फरवरी को ही छुट्टी बिताकर वापस लौटे थे। पत्नी गीता से वादा करके गए थे कि वापस लौटकर आऊंगा, मुझे अपना मकान बनवाना हैं। रामवकील के तीन छोटे बच्चे हैं। रामवकील के बच्चे इटावा के केंद्रीय विद्यालय में पढ़ते हैं। इनका परिवार अपने नाना नानी के साथ रहता है। जैसे ही शहीद होने खबर परिवार को लगी तो पत्नी, बच्चों व परिजनों का रो रो करके बुरा हाल है। घर मे मातम छा गया है। शहीद की शादी 15 वर्ष पहले हुई थी।

 

16- विजय सोरेंग

झारखंड के गुमला के बसिया के फरसमा गांव के निवासी विजय सोरेंग इस हमले में शहीद हो गए. वो अपने पीछे दो बच्चे और तीन बच्चियां छोड़ गए हैं. एक फरवरी को विजय सोरेंग अपने घर छुट्टी पर आए थे। रांची के डीआइजी होमकर ने इस बात की जानकारी दी है.

 

17- संजय कुमार सिन्हा

बिहार के मसौढ़ी के संजय कुमार सिन्हा भी पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं। उनकी उम्र 45 वर्ष थी. संजय कुमार सिन्हा 8 फरवरी को घर आए थे और 15 दिन बाद वो अपनी बेटी की शादी के लिए फिर से घर आने वाले थे। संजय कुमार सिन्हा के परिवार में कोहराम मच गया है और इलाके में सन्नाटा पसर गया है। शहीद संजय कुमार सिन्हा जो बतौर हेड कांस्टेबल के देश की सेवा कर रहे थे, उनकी शहादत की खबर मिलते ही उनके परिवार में भी मातम पसर गया है। पास-पड़ोस के घरों में आज चूल्हे भी नहीं जले हैं। संजय के पिता महेंद्र प्रसाद सीआरपीएफ की 176वीं बटालियन में तैनात थे।

 

18- रतन कुमार ठाकुर

बिहार के भागलपुर के रतन कुमार ठाकुर शहीद हो गए। रतन कुमार ठाकुर 2011 के बैच के 45 बटालियन में कॉन्सेटेबल के पद पर तैनात थे. रतन कुमार की पत्नी मां बनने वाली हैं और इसलिए उन्हें अभी तक इस बात की जानकारी नहीं दी गई है. भागलपुर के शहीद रतन ठाकुर का परिवार मूल रूप से कहलगांव के आमंडंडा थाना के रतनपुर गांव का रहने वाला है। घर में पत्नी राजनंदिनी देवी और चार साल का बेटा कृष्णा है। राजनंदिनी फिर से मां बनने वाली हैं तो वहीं संजय कमार सिन्हा ने बताया कि हर शाम वो फोन करता था पिता निरंजन कुमार ठाकुर ने कहा शाम को बेटे के फोन का इंतजार हो रहा था तब तक उधर से सात बजे उसके शहादत की खबर आई। खबर के सुनते ही पूरे घर में कोहराम मच गया।

 

19- सुदीप बिस्वास

पश्चिम बंगाल के नाडिया जिले के हंसपुकुरिया गांव के रहने वाले सुदीप बिस्वास इस हमले के बाद लापता बताए जा रहे हैं।

 

20- राठौड़ नितिन शिवाजी

पुलवामा में सुरक्षाबलों पर हुए कायराना हमले में महाराष्ट्र के बुल्ढाना शहर की तहसील लोनार के चोरपांगरा गांव के निवासी राठौड़ नितिन शिवाजी पुलवामा हमले में शहीद हो गए।

 

21- भागीरथ सिंह

पुलवामा हमले में भागीरथी सिंह भी शहीद हो गए। राजस्थान के जिले ढोलपुर में जैतपुर के रहने वाले थे।

 

22- वीरेंद्र सिंह

उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के मोहम्मद पुर भूरिया गांव में रहने वाले वीरेंद्र सिंह भी आतंकी हमले में शहीद हो गए।

 

23- कुलविंदर सिंह

कुलविंदर सिंह पुलवामा हमले में शहीद हो गए। वह पंजाब के आनंदपुर साहिब के रौली गांव के रहने वाले थे।

 

24- मनेश्वर बासुमतारी

मनेश्वर बासुमतारी भी आतंकी हमले में शहीद हो गए। वह असम के बासका जिले के कलबारी गांव के रहने वाले थे।

 

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