नीला चांद

नई दिल्ली: आज डेढ़ सौ साल बाद आसमान में एक अनोखी घटना घटने जा रही है. डेढ़ सौ साल बाद आज पृथ्वी चंद्रमा के सबसे नजदीक होगी और वो सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाएगी. जिस समय पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ेगी वो होगा चंद्रग्रहण. आज शाम 76 मिनट तक आसमान में सुपर ब्लड मून दिखेगा. यानी चांद एकदम लाल रंग का चमकता हुआ दिखाई देगी. भारत में शाम छह बजकर 21 मिनट से सात बजकर 37 मिनट तक पूर्ण चंद्रग्रहण का नजारा देखा जा सकेगा.

आज होने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत समेत विश्व के कई देशों में देखा जा सकेगा. ग्रहण की काली छाया शाम 5.18 बजे चंद्रमा को स्पर्श कर लेगी और आंशिक चंद्र ग्रहण शुरू हो जाएगा. पृथ्वी की छाया धीरे धीरे चंद्रमा को ढकची जाएगी और इसके बाद शाम 6.21 से चंद्रमा को पृथ्वी की छाया पूरी तरह ढक लेगी. यहां से शुरू होगा पूर्ण चंद्रग्रहण.

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ये पूर्ण चंद्र ग्रहण शाम 7 बजकर 7.37 मिनट तक चलेगा. 7.37 से पृथ्वी की छाया धीरे धीरे चंद्रमा से हटने लगेगी और 8 बजकर 41 मिनट पर पूरे चंद्रमा पृथ्वी की छाया से मुक्त हो जाएगा और चंद्र ग्रहण खत्म हो जाएगा. भारत में यह चंद्र ग्रहण असम, मिजोरम, अरुणांचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, पूर्वी पश्चिम बंगाल में चद्रोदय के बाद शुरु होगा. देश के बाकी हिस्सों में ग्रहण चंद्रोदय से पहले शुरु हो जाएगा.

अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों, उत्तर-पूर्वी यूरोप, रूस, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में भी चंद्र ग्रहण नजर आएगा. चंद्रग्रहण पूरी दुनिया में एक ही वक्त पर होगा. यानी शाम 5.18 से शुरू होकर रात 8.41 बजे खत्म होगा. चंद्रमा के उदय होने के वक्त के मुताबिक लोग चंद्र ग्रहण की अलग अलग कलाएं देख पाएंगे.

किसे कहते हैं चंद्र ग्रहण?

चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी के आ जाने को ही चंद्र ग्रहण कहते है. चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी इस प्रकार आ जाती है कि पृथ्वी की छाया से चंद्रमा का पूरा या आंशिक भाग ढक जाता है. इस स्थिति में पृथ्वी सूर्य की किरणों के चंद्रमा तक पहुंचने में अवरोध लगा देती है तो पृथ्वी के उस हिस्से में चंद्र ग्रहण नजर आता है.

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