उत्तरभारत ब्रेकिंग 21 जून

उत्तरभारत ब्रेकिंग 21 जून

22 june north 2

करनाल रिपोर्टर का खाद्य एंव आपूर्ति विभाग पर सबसे बड़ा खुलासा!

1अरब 31 करोड़ 52 लाख रूपये के घौटाले को छुपाने में जुटे पूर्व अधिकारी, चावल बनाने के लिए दिए गए धान डीफाल्टरो पर सरकार का नरम रुख कायम?

कैसे करनाल की पूर्व डीएफएससी मोनिका मलिक व् निरीक्षिक जसबीर सिंह की देखरेख पहुंचा सरकार को 132 करोड़ का नुक्सान?

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करनाल रिपोर्टर(आकर्षण उप्पल) आपने कहावत सुनी होगी बकरी की माँ कबतक खैर मनाएगी, आज वो कहावत करनाल खाद्य एंव आपूर्ति विभाग के 2 अधिकारीयों पर बिलकुल फिट बैठ रही है।जी हाँ आज करनाल रिपोर्टर करनाल के इतिहास में हुए सबसे बड़े घौटाले की परते खोलने जा रहा है जिसपर यूँ तो खुलासा हम 2015 में ही कर चुके है पर डिफाल्टरों के नाम व् उनपर हुए रहमो कर्म की जो नज़रे इनायत खाद्य एंव आपूर्ति विभाग के अधिकारीयों ने अपनाई हुई थी उसपर खुलासा हम आज कर रहे है।तो सुनिए, मामला है कि सरकार हर खरीब वर्ष में कई राइस मिलर्स को धान का काम चावल बनाने के लिए देती है जो 2013-2014 में करनाल के पूर्व डीएफएससी रविन्द्र मलिक की देख रेख में बड़ी संख्या में राइस मिलर्स को दिया गया।क्योंकि उसकी डिलिवरी अगले वर्ष की जानी थी लेकिन उससे पहले ही रविन्द्र मलिक को सरकार ने करनाल से रुखसत कर दिया व् उनका चार्ज उन्हें के अधीन कार्य करने वाली मोनिका मलिक को डीएफएससी के पद पर दे दिया गया।यदि करनाल रिपोर्टर के पास प्राप्त दस्तावेजो की बात करें तो मोनिका मलिक के कार्यकाल में भी एक दुक्का को छोड़कर लगभग सभी राइस मिलर्स के पास धान का लगभग पूरा स्टॉक दिखाया गया जिसकी पुष्टि मोनिका मलिक का एक पत्र जो 17 नवम्बर 2014 को उन्होंने महानिदेशक खाद्य एंव आपूर्ति विभाग को लिखा था करता है।उसके बाद जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे वैसे मोनिका मलिक के राज में ये राइस मिलर्स डिफाल्टर होते गए जिन्होंने सरकारी धान का चावल बनाकर सरकार को देना था।उस समय मोनिका मलिक ने अपने फ़र्ज़ को नज़रअंदाज करते हुए इन राइस मिलर्स पर कोई सख्त कार्यवाही नही, न ही सरकसर के दिशा निर्देश अनुसार कोई ऐसा सख्त फैसला वो ले पाई जिसके चलते ये सभी सरकार को चूना लगाने में कामयाब रहे।सोने पर सुहागा तो तब हुआ जब 2014-2015 के खरीब सीजन में मोनिका मलिक व् इंस्पेक्टर जसबीर सिंह ने पहले से डिफाल्टर आशीर्वाद फूड्स पर अपना आशीर्वाद बरकरार रखते हुए उसी राइस मिल में अन्नपूर्णा एग्रो फ़ूड नाम की नई कंपनी बनवाकर उसे धान का काम करने का न केवल लाइसेंस दिया बल्कि उन्ही गारंटरो का श्योरिटी बांड ले लिया जो पहले से आशीर्वाद फ़ूड के गारंटर थे जो डिफाल्टर हो चुकी थी।यही नहीं आशीर्वाद फ़ूड जँहा कार्य करती थी वंही अन्नपूर्णा का कार्य करना, उसी जगह ताज़ी दीवार बनाना, बिजली का मीटर एक होना यँहा तक आने जाने का रास्ता एक होने का हवाला देकर चंडीगढ़ से आई एक टीम के उप महानिदेशक एनके मित्तल ने भी इस पर सवाल उठाया था व् मोनिका मलिक को इस पर कार्यवाही करवाने के निर्देश दिए परन्तु जो ताकत “गांधी” में है वो ताकत जांच अधिकारी के आदेशो में मोनिका मलिक को नहीं दिखाई दी?? इसके बाद क्या था बाकि कंपनियों की तरह पहले आशीर्वाद फ़ूड जो पहले से सरकार का 7 करोड़ 52 लाख 24 हजार 98 रु का डिफाल्टर था उसे 5 करोड़ 5 लाख 76 हजार 298 रु का घपला करने दिया गया? क्या यँहा ये कहना गलत होगा कि मोनिका मलिक व् इंस्पेक्टर जसबीर सिंह ने विभाग व् सरकार की आँखों में धुल झोंकते हुए इस करोड़ो के घपले को अंजाम दिया?? सरकारी सूत्रो कि माने तो इस मामले पर विजीलैंस ब्यूरो भी अपनी जांच 2 बार कर चूका है जिसके बाद दोनों अधिकारीयों को क्लीन चिट देने की बात सामने आ रही है इसलिए सवाल सरकार के सबसे काबिल विभाग विजीलैंस पर भी उठ रहा है? आपको बतादें कि इस मामले से सरकार के उच्चाधिकारी व् हरियाणा सरकार के खाद्य एंव आपूर्ति मंत्री कर्णदेव कम्बोज भी परिचित है परन्तु इस सभी का मौन रहना सरकार के ईमानदार व् भ्र्ष्टाचार मुक्त रैवये पर ही सवाल उठा रहा है?? इसी मामले पर अपनी आवाज़ बुलन्द करने वाले शिकायतकर्ता का दावा है कि अब वो इस मामले को बड़े स्तर पर उठाएंगे क्योंकि सरकार , खाद्य एंव आपुर्ति विभाग व् विजीलैंस ब्यूरो के उच्च अधिकारी इन दोनों अधिकारीयों के आगे नतमस्तक है, सरकारी सूत्रो की माने तो पैसे के बल पर आरोपी अधिकारी हर अधिकारी को अपने वश में कर लेते है इसलिए शिकायतकर्ता ने मांग की है कि निरीक्षक जसबीर सिंह व् उस समय करनाल की डीएफएससी रही मोनिका मालिक को निलम्बित करते हुए दोनों के खिलाफ सीबीआई जांच करवाई जाए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी सबके सामने आ सके।आपको बतादें कि करनाल रिपोर्टर के पास वो सभी दस्तावेज मौजूद है जिसके आधार पर आज हम ये खुलासा कर रहे है परन्तु सरकार में खुद को अहम पद पर बताने वाले नेता केवल उन अधिकारीयों पर अपना निशाना लगा रहे है जँहा से उनके चाय पानी का स्वाद बिगड़ रहा है यदि वो इतनी दिलचस्पी जनता के लुटे हुए इस पैसे की वसूली पर दिखाएँ तो संभवत ही ये सवाल जँहा विराम का रूप ले लेंगे, वंही लोगो की विश्वसनीयता सरकार पर और अधिक दृढ़ होगी।सरकार को चाहिए कि इस मामले पर तुरन्त संज्ञान लेते हुए सभी डीफाल्टरो व् आरोपी अधिकारीयों से इस पैसे की वसूली करे जिसपर 2 सालो का ब्याज व् अतिरिक्त जुर्माना भी वसूला जाए।

ये है जिन्होंने खाद्य एंव आपूर्ति विभाग के अधिकारीयों की बदौलत जिनपर जनता के खून पसीने की गाढ़ी कमाई के 1 अरब 31 करोड़ 52 लाख 15 हजार 139 रुपए बकाया है और इस समय इन्हें विभाग की डिफाल्टर लिस्ट में डाल दिया गया है।। सत्यमेव जयते।

करनाल रिपोर्टर ब्रेकिंग

8 महीने बाद मिली आरटीआई में खुलासा,करनाल में हुआ 1 अरब से ऊपर का घोटाला, दागी इंस्पेक्टर की मिली भगत से सरकार को लगा करोड़ो का फटका, जिनपर पहले से थी देनदारी उन्हें नाम बदलकर फिर दिया करोड़ो का चूना लगाने का मौका? आखिर क्यों ?

सीएम सीटी करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की भ्र्ष्टाचार विरोधी मुहीम दम तोड़ती जा रही है, जी हाँ आरटीआई में मिली सूचना में खुलासा हुआ है कि करनाल के खाद्य एंव आपूर्ति विभाग को केवल 2013 से 2015 तक लगा 1 अरब 31 करोड़ 52 लाख 15 हजार 139 रु का चूना,खाद्य एंव आपूर्ति विभाग के दागी ले रहे मौज, कार्यवाही के नाम पर कोई एक्शन नहीं, इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत एक अधिकारी आय से अधिक सम्पति जुटाने में मशगूल, विजीलैंस जांच में भी दागी पर आंच नहीं, करनाल रिपोर्टर के सूत्रो की माने तो विजीलैंस के अधिकारीयों को भी “गांधीगिरी” से खरीदा इस अधिकारी ने? अब आगे विजीलैंस के दागियों को भी लपेटने की है तैयारी, 2013-14 में जिन्होंने सरकार को लगाया 7 करोड़ 52 लाख 24 हजार 98 रु का चूना, 2014-2015 में उन्हें आरोपी इंस्पेक्टर व् पूर्व डीएफएससी ने नाम बदलकर दिया ठेका और फिर सरकार को लगवाया 5 करोड़ 5 लाख 76 हजार 298 का चूना।आज रात करनाल रिपोर्टर करेगा खुलासा कि कैसे हुई ये मिली भगत, किसने कितना लूटा हरियाणा को? खाद्य एंव आपूर्ती विभाग के किस अधिकारी ने कितने रूपये में अपने ईमान को बेचा, कैसे आरोपी खुलेआम घूम रहे है और सरकार और अधिकारी तमाशबीन बने हुए है।करिये आज रात का इंतज़ार क्योंकि करनाल रिपोर्टर छुपाता नहीं छापता है। सत्यमेव जयते।

चंडीगढ़ I

राज्यसभा चुनाव में धांधली पर एफआइआर दर्ज करांएगे कांग्रेसी नेता, आर के आनंद के साथ किरण चौधरी, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर रहेंगे मौजूद, दोपहर 2 बजे चंडीगढ़ के सेक्टर-3 पुलिस स्टेशन में एफआइआर करवाएंगे दर्ज, एफआइआर दर्ज कराने के बाद आईजी से करेंगे मुलाकात, पूर्व सीएम हुड्डा और उनके समर्थक नहीं रहेंगे मौजूद।

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