सबूतों के बिना सामने लाए वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक झा कैसे जेल में। गिरफ्तारी शक के दायरे में। क्या 5 दिन किडनैप था पत्रकार

 

 

सबूतों के बिना सामने लाए वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक झा कैसे जेल में। गिरफ्तारी शक के दायरे में। क्या 5 दिन किडनैप था पत्रकार सवाल

 

पत्रकारिता जगत गिरफ्तारी का विरोध नहीं कर रहा है। बिना सबूत के गिरफ्तारी पर संदेह व्यक्त कर रहा । पुलिस 5 दिन में ऑडियो क्यों नहीं जारी की जबकि ऑडियो का दावा किया जा रहा है

 

*कांग्रेस के पूर्व विधायक व एक मठ के महंत के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की पड़ताल कर रहे थे संपादक अभिषेक झा

*अभिषेक झा  पर 5 लाख  फिरौती का  मांगने और जान से मारने की धमकी का आरोप । 

* अगर आरोप है और सबूत हैं तो ऑडियो और अन्य सबूत कहां है। 

*  संदेह है  गुंडे अभिषेक को  रायपुर से जांजगीर उठा ले गए

6 दिन से गायब थे पत्रकार अभिषेक झा के  परिवार एवं घर को गिरफ्तारी और जेल की सूचना नहीं दी गई मामला संदेहास्पद

 

 * अगर सबूत नहीं पेश किए जाते  तो क्या इस गिरफ्तारी को भाजपा कार्यकाल की पत्रकार विनोद वर्मा की गिरफ्तारी जैसा माना जाय

मीडिया जगत के संपादक की गिरफ्तारी  की जानकारी मीडिया जगत को 5 दिन तक नहीं थी । मामला संदेहास्पद

*अभिषेक झा ज़ी न्यूज़ ,आज की जनधारा ,जनतंत्र टीवी ,अन्य चैनलों में संपादक रह चुके हैं

पत्रकारिता जगत गिरफ्तारी का विरोध नहीं कर रहा है। बिना सबूत के गिरफ्तारी पर संदेह व्यक्त कर रहा । पुलिस 5 दिन में ऑडियो क्यों नहीं शामिल है

 

 

रायपुर

 

क्या खतरे में छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता, कांकेर में वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला से कांग्रेसियों की मारपीट के बाद

वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक झा पिछले एक सप्ताह से जांजगीर जेल में गुप्त रूप से बंद थे , उठ रहे कई सवाल

क्योंकि ऑडियो टेप अभी तक सामने नहीं आया जिसका दावा किया जा रहा है

 

वरिष्ठ पत्रकार व पंजाब केसरी के छत्तीसगढ़ हेड अभिषेक झा पिछले एक सप्ताह से जांजगीर जेल में बंद है। जिसकी पत्रकार जगत को ही कानो कान खबर नहीं लगी

खबर है कि वे कांग्रेस के पूर्व विधायक व एक मठ के महंत के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की पड़ताल कर रहे थे।

इस संबंध में उनकी महंत से बातचीत भी हुई थी।  जिसके बाद संदेह है की  कुछ गुंडे उन्हें रायपुर से उठा ले गए। उनके साथ जमकर मारपीट की गई

और  पुलिस के ऊपर आरोप है अभिषेक झा के  खिलाफ झूठा मामला बनाकर जेल भेज दिया गया। उनके खिलाफ शिवरीनारायण थाने में जान से मारने की धमकी और अवैध वसूली का मामला दर्ज किया गया है।

वरिष्ठ पत्रकार  और वर्तमान में पंजाब  केसरी  के संपादक  ऊपर 

बिना जांच के f.i.r. कर दी गई और गिरफ्तारी हुई  बावजूद किसी को कानों-कान खबर तक हीं होने दी गई।

शिवरीनारायण थाने में जान से मारने की धमकी और अवैध वसूली का मामला दर्ज किए जाने के बावजूद किसी को कानों-कान खबर तक हीं होने दी गई।

यहां तक कि उनके खिलाफ एफआईआर और जेल भेजे जाने की सूचना उनके परिवार तक को नहीं दी गई है।

उनके घर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन किसी से बात नहीं हो पाई। बड़ी बात यहै कि इसकी जानकारी सत्ता में बैठे सारे लोगों को है।

अब सबका कहना है कि अभिषेक झा ने पैसे मांगे थे। ऑडियो रिकॉर्डिंग का दावा भी किया जा रहा है।

हालांकि अभी तक इस तरह का कोई ऑडियो रिकॉर्डिंग सामने नहीं आया है।

इस मामले में राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है।

अभिषेक झा छत्तीसगढ़ के बेबाक पत्रकारों में शुमार किए जाते हैं.

इन्हें वाट्सअप में प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ अपना डीपी भी लगा रखी है.

बावजूद इसके छत्तीसगढ़ पुलिस ने इन झा साहब को जेल में ठूंसने में तनिक गुरेज न किया हो सकता है षड्यंत्र कारी ज्यादा ताकतवर हो

.झा साहब फिलहाल प्रदेश सरकार की “पत्रकार अत्याचार नीति” का शिकार होकर राजधानी से सैकड़ों किलोमीटर दूर जांजगीर जेल में निवास कर रहे हैं।


अभिषेक झा नक्सल हमलों की ग्राउंड रिपोर्टिंग के नाम से भी जाने जाते हैं

 

 

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